ईपीएफ योजना में कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा लाभ, ऐसे समझें किस तरह होगा वेतन में फायदा
Employees PF Wage Limit Hike : केन्द्र सरकार की मोदी सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत वेतन सीमा को बढ़ाने की तैयारी में है। इस प्रस्ताव के अनुसार, EPFO के तहत वेतन सीमा को अब ₹15,000 से बढ़ाकर कम से कम ₹21,000 किया जा सकता है। इस सुधार से कर्मचारियों को बड़ा लाभ होगा।
ईपीएफ में वेतन सीमा का वृद्धि
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र की तरफ से कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना के तहत वेतन सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की तैयारी है। यह वृद्धि पहले 2014 में की गई थी, तब पीएफ वेतन सीमा को 6500 रुपये से बढ़ाकर 15000 रुपये किया गया था। अब इस नए सुधार से लाखों सैलरीड क्लास को लाभ मिलेगा।
योगदान और पेंशन
वर्तमान में अधिकांश राज्यों में न्यूनतम मजदूरी 18,000 और 25,000 रुपये के बीच है। इस प्रस्ताव को लागू करने से सीधा असर EPF योजना और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में किये जाने वाले योगदान की राशि पर भी पड़ेगा। इसके साथ ही रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन पर भी इसका असर पड़ेगा।
वेतन में फायदा
वर्तमान में कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) अकाउंट में होने वाले योगदान का कैलकुलेशन 15,000 रुपये प्रति माह के मूल वेतन के आधार पर किया जाता है। इसके आधार पर कर्मचारी की सैलरी से 1800 रुपये के अंशदान की कटौती की जाती है और इसके आधार पर ही ईपीएस अकाउंट में अधिकतम योगदान 1,250 रुपये महीने तक सीमित है।
वेतन सीमा के बढ़ने से ईपीएस पर भी असर होगा। इसके बाद मासिक ईपीएस कॉन्ट्रिब्यूशन 1,749 रुपये (21,000 रुपये का 8.33%) हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी की 60 महीने के दौरान औसत सैलरी 15,000 रुपये महीना है तो पेंशन की गणना भी इसी राशि पर होगी।
पेंशन में बढ़ोतरी का लाभ
कर्मचारी के 20 साल से ज्यादा काम करने पर सेवा लिमिट में दो साल बोनस के रूप में जुड़ेंगे, ऐसे में (32×15,000)/70= 6,857 रुपये होगी, लेकिन यदि 21,000 रुपये की वेतन सीमा पर हो तो (32×21,000)/70= 9600 रुपये हो जाएगी। इससे मासिक पेंशन में 2,743 रुपये और वार्षिक 32,916 रुपये का लाभ मिलेगा।
कर्मचारी अपना पूरा योगदान ईपीएफ अकाउंट में जमा करता है, लेकिन एम्प्लॉयर के 12% में से 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) और बाकी 3.67% ईपीएफ अकाउंट में जमा किया जाता है। वेतन सीमा के बढ़ने से रिटायरमेंट के समय मिलने वाली पेंशन में भी वृद्धि होगी।