मर्दानगी बनाए रखने के लिए ये चीजें खाते थे मुगल बादशाह, एक ही रात में महिलाओं की कर देते थे ऐसी हालत
इतिहास की किताबों में मुगल बादशाहों की बहादुरी, शक्ति और उनके द्वारा लड़ी गई लड़ाइयों की कहानियों का ज़िक्र होता रहा है। लेकिन इन पन्नों में उनकी निजी ज़िंदगी खासकर उनके हरम और महिलाओं के प्रति उनके जुनून की भी कई कहानियां छिपी हुई हैं। मुगल साम्राज्य के बादशाहों के हरम में हजारों की संख्या में रानियों, नौकरानियों और अन्य महिलाओं को रखा जाता था। इस आलेख में हम मुगलों के हरम उनके शौक और मर्दानगी बनाए रखने के लिए अपनाए गए अनूठे नुस्खों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
शौक, प्रेम और शक्ति का प्रतीक
मुगल बादशाहों के हरम सिर्फ शारीरिक संबंधों का स्थान नहीं थे बल्कि ये उनके शौक, शक्ति और प्रभाव का प्रतीक भी थे। हरम को राजा की शक्ति और उसके साम्राज्य के विस्तार का प्रतीक माना जाता था। उदाहरण के लिए मुगल बादशाह अकबर के हरम में 5000 से अधिक महिलाएं थीं। इसी तरह जहांगीर, शाहजहाँ और अलाउद्दीन खिलजी जैसे अन्य सम्राटों ने भी महिलाओं के साथ संबंध बनाए और उनके हरम में भी बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं।
मुगल बादशाहों के लिए हरम सिर्फ आनंद और आराम का स्थान नहीं था बल्कि यह उनके साम्राज्य की एक संस्था थी। यहां की महिलाएं सिर्फ सौंदर्य की मूर्ति नहीं थीं बल्कि उन्हें राजा की ताकत और गौरव का प्रतीक माना जाता था। यही कारण था कि मुगलों ने अपने हरम पर बेतहाशा खर्च किया। हरम की सुरक्षा महिलाओं की सेवा-सुश्रुषा और अन्य आवश्यकताओं पर भारी मात्रा में धन खर्च किया जाता था।
मर्दानगी बनाए रखने के अनूठे नुस्खे
मुगल बादशाहों का महिलाओं के प्रति जुनून उनकी बुढ़ापे की सीमाओं से भी परे था। उन्होंने अपनी मर्दानगी को बनाए रखने के लिए विभिन्न नुस्खों का सहारा लिया। इनमें आयुर्वेदिक, ग्रीक और अन्य पारंपरिक उपचार शामिल थे। नवाबों और मुगलों ने अपनी थाली में कई ऐसे व्यंजन शामिल किए जो उनके पौरुष को बढ़ाने का काम करते थे।
मुगल रसोई में सोने की राख, हिरण की नाभि और अन्य अद्भुत सामग्री को भोजन में शामिल किया जाता था। यह माना जाता था कि ये सामग्रियां मर्दानगी को बढ़ावा देती हैं। अवध के नवाब वाजिद अली शाह के शासनकाल में रसोइया हर दिन एक अशर्फी से सोने की राख तैयार करता था जिसे खाने में शामिल किया जाता था। इस प्रकार खाने को और भी स्वादिष्ट और शक्ति बढ़ाने वाला माना जाता था।
मुगल साम्राज्य में हरम एक विशेष स्थान था जहां हजारों महिलाओं को रखा जाता था। इनमें से कई महिलाएं रानियां होती थीं जबकि अन्य नौकरानियां या दासियां होती थीं। हरम का मुख्य उद्देश्य बादशाह की इच्छाओं को पूरा करना और उसे आराम प्रदान करना था। यहां की महिलाओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता था ताकि वे बादशाह की सेवा में किसी भी तरह की कमी न छोड़ें।
हरम की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाते थे। यहां के नियम बहुत सख्त होते थे और बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति हरम के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता था। हरम में महिलाओं के साथ संवाद करने का भी एक विशेष तरीका होता था और वे पूरी तरह से बादशाह की इच्छाओं के अधीन होती थीं।
महिलाओं से लेकर शराब तक
मुगल बादशाहों के शौक सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं थे। उन्हें शराब का भी बेहद शौक था। राज्य की सीमाओं का विस्तार करने के अलावा मुगल बादशाहों ने अपने जीवन का आनंद लेने के लिए हर संभव प्रयास किया। शराब और महिलाओं के प्रति उनका लगाव किसी से छिपा नहीं था।
यह भी कहा जाता है कि मुगल बादशाह अपने बुढ़ापे में भी महिलाओं और शराब का पूरा आनंद लेते थे। उन्होंने अपनी मर्दानगी बनाए रखने के लिए कई तरह के उपचारों का सहारा लिया। इनमें जड़ी-बूटियों से लेकर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन शामिल था।
सोने की राख से लेकर हिरण की नाभि तक
मुगल बादशाहों के भोजन में कई ऐसी चीजें शामिल होती थीं जो उनके पौरुष को बढ़ावा देने का काम करती थीं। इनमें सोने की राख, हिरण की नाभि और अन्य अद्भुत सामग्री शामिल थीं। इतिहास की कई कहानियां कहती हैं कि मुगल बादशाहों ने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए जंगली खरगोश, काले हिरण और इंद्रगोपा कीड़ों की नाभि का भी सेवन किया।