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मौसम विभाग की नई रिपोर्ट से मची खलबली, सितंबर में बाढ़ और लैंड स्लाइड की चेतावनी, जानें बारिश का असर

IMD rain alert September will be full of rain North India may see heavy rainfall
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IMD rain alert September
IMD rain alert September

Trends of Discover, नई दिल्ली: भारत में अगस्त महीने में हुई जमकर बारिश का सिलसिला सितंबर (Rain in September) में भी जारी रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) की रिपोर्ट के अनुसार देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बरसात होने का अनुमान है। विशेष रूप से उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और पंजाब में भारी बारिश की संभावना जताई गई है जिससे बाढ़ और लैंडस्लाइड जैसी घटनाएं हो सकती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि सितंबर में मौसम का मिजाज कैसा रहेगा और इसका क्या असर पड़ सकता है।

सितंबर में बारिश का अनुमान

सितंबर महीने में देश के अधिकांश हिस्सों में जमकर बारिश होने की संभावना है। अगस्त महीने में जहां पूरे देश में औसत से 16 फीसदी अधिक बारिश हुई थी वहीं सितंबर में भी इसी ट्रेंड के जारी रहने की उम्मीद है। उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों में खासतौर पर भारी बारिश हो सकती है। इससे बाढ़ और लैंडस्लाइड जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बना रहेगा।

हालांकि कुछ क्षेत्रों में बारिश सामान्य से कम हो सकती है। विशेष रूप से उत्तर बिहार उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश उत्तर पूर्व भारत के कुछ हिस्सों और दक्षिण भारत में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना जताई गई है। दक्षिणी भारत में सामान्य से महज एक फीसदी ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है जिससे मॉनसून का असर कमजोर पड़ सकता है।

अगस्त में बारिश का असर

अगस्त महीने में हुई अच्छी बारिश का असर पूरे देश में देखा गया है। यह साल 2001 से अब तक का पांचवां मौका था जब अगस्त में इतनी ज्यादा बारिश हुई है। देश में औसतन 287 एमएम बारिश दर्ज की गई जो कि 1901 से अब तक की 29वीं बार थी जब अगस्त में इतनी बारिश हुई। हालांकि इतनी बारिश के बावजूद भी देश के कई हिस्सों में गर्मी का प्रकोप बना रहा। अगस्त महीने में न्यूनतम तापमान 1901 से अब तक का चौथा सबसे ज्यादा रहा।

उत्तर पश्चिमी भारत में सामान्य से 32 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई जो कि 2021 के बाद से दूसरी बार हुआ है। इस क्षेत्र में बारिश ने खरीफ की फसलों के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा की हैं। इसके चलते फसल उत्पादन की उम्मीद बढ़ी है और जमीन में अच्छी नमी बनी रहेगी जो कि रबी की फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

ला नीना का प्रभाव

मौसम के इस बदलाव के बीच एक और महत्वपूर्ण पहलू है - ला नीना। हालांकि अभी तक ला नीना का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखने को नहीं मिला है लेकिन संभावना है कि सितंबर के अंत तक यह प्रभावी हो सकता है। अगर ला नीना का प्रभाव बढ़ता है तो यह दक्षिण भारत में मॉनसून को कमजोर कर सकता है। लेकिन फिलहाल मौसम विभाग ने इसके प्रभाव को लेकर किसी भी तरह के पूर्वानुमान से बचने का सुझाव दिया है। मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा के अनुसार तापमान के मामले में देश के कई हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा हालांकि उत्तर पश्चिम दक्षिण और पूर्व-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में इससे राहत मिल सकती है।

खरीफ फसलों के लिए अनुकूल समय

अगस्त महीने में हुई बारिश का असर खरीफ फसलों पर सकारात्मक रूप से पड़ा है। अच्छी बारिश ने फसलों के लिए आवश्यक नमी और जल उपलब्धता सुनिश्चित की है जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा बारिश की वजह से जमीन में नमी बनी रहेगी जो कि रबी की फसलों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।

सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। हालांकि जिन क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है वहां के किसानों को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

मौसम से जुड़ी चुनौतियां

भारी बारिश के साथ-साथ बाढ़ और लैंडस्लाइड जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और उत्तर पश्चिमी भारत के अन्य हिस्सों में यह खतरा अधिक है। इसलिए इन क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। प्रशासन को भी इन आपदाओं से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।

वहीं दक्षिण भारत में मॉनसून कमजोर होने की संभावना है जिससे कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसे में किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ सकती है।

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