DA बढ़ोतरी पर Cabinet Meeting में नहीं लिया गया कोई फैसला, इस कारण भड़के MP के कर्मचारी, अब सरकार के खिलाफ कर्मी कर रहे है मोर्चा खोलने की तैयारी
Trends of Discover, नई दिल्ली: मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh GGovernment) के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और राहत नहीं बढ़ने से नाराजगी बढ़ती जा रही है। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि बुधवार को होने वाली मोहन कैबिनेट की बैठक में डीए पर फैसला होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसके बाद तृतीय कर्मचारी संघ अब मोहन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहा है. 9 फरवरी को यूनियन मंत्रालय के सामने प्रदर्शन कर डीए की मांग करेगी. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए एमपी सरकार से कर्मचारियों को केंद्र की तरह 46 फीसदी डीए देने की मांग की है.
वे दो फरवरी को मंत्रालय के सामने प्रदर्शन करेंगे
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ (Third Class Employees Union) के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि महंगाई भत्ता/राहत, वाहन भत्ता, मकान किराया वृद्धि शुक्रवार 9 फरवरी 2024 को दोपहर 1.30 बजे राज्य मंत्रालय में आयोजित की जायेगी। संघ ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों की जायज मांगों को नजरअंदाज करने पर रोष व्यक्त किया है और प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से अपील की है कि वे कर्मचारियों की मांगों पर तत्काल निर्णय लें, यह संघ की पहली जिम्मेदारी है.
कमलनाथ ने राज्य कर्मचारियों को 46% DA देने की मांग की
कमलनाथ (Kamal Nath) ने कर्मचारियों के समर्थन में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी पोस्ट किया और लिखा कि सरकारी कर्मचारी लंबे समय से केंद्र के बराबर 46% महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) की मांग कर रहे हैं। मैं उनकी मांग का समर्थन करता हूं. अब जब बीजेपी सरकार दोबारा बन गई है तो कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) बढ़ाने की फाइल आगे नहीं बढ़ रही है. इससे पता चलता है कि भाजपा चुनाव के दौरान जनहित की बात करती है और चुनाव जीतने के बाद सभी वर्गों को नजरअंदाज कर देती है। मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव से अनुरोध करता हूं कि सरकारी कर्मचारियों को धोखा देने के बजाय कर्मचारियों को उनका अधिकार दें और 46% महंगाई भत्ता सुनिश्चित करें।
कर्मचारियों ने अब तक 700 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप लगाया है
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ (Third Class Employees Union) के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारी और 4.50 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारी महंगाई भत्ता और महंगाई राहत नहीं मिलने से परेशान हैं. सरकार 12.9 करोड़ प्यारी बहनों को हर महीने 1219 करोड़ रुपये दे रही है, लेकिन कर्मचारियों को 150 करोड़ रुपये महीना देने में परेशानी हो रही है. कर्मचारियों को पिछले 7 महीने से DA नहीं मिला है. पूर्व सीएम के कार्यकाल में कर्मचारियों को समय पर डीए का भुगतान नहीं करने से सरकार को 9,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सरकार को राज्य के 12 लाख कार्यरत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए. वे अपनी मांगों को लेकर फरवरी में बड़ा धरना देंगे।
लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही डीए फिर अटक जाएगा
कर्मचारियों का आरोप है कि राज्य सरकार सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. केंद्र की ओर से जुलाई से 4 फीसदी डीए/डीआर दिया गया है राज्य सरकार ने बार-बार घोषणा की है कि वह केंद्र की तरह डीए देगी, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया है. कर्मचारियों को 1 जुलाई 2023 से DA/DR का बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है. अगले कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी और फिर सरकार आचार संहिता के नाम पर 2023 से 4% DA अटका देगी. इससे पहले सरकार कर्मचारियों का बकाया न देकर उन्हें 9,200 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा चुकी है.