Potato price : बारिश के बाद आलू के दाम में 100 रुपये की तेजी, जानें क्यों आसमान छू रहे हैं भाव
13 सितंबर 2024 शुक्रवार : आजादपुर मंडी में आलू की कीमतों में भारी उछाल देखा जा रहा है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश का असर फसलों पर पड़ रहा है। किसानों के लिए यह समय मुश्किलों भरा है क्योंकि बारिश से आलू की फसल प्रभावित हो रही है। इसके चलते मंडी में आलू की आपूर्ति कम हो गई है जिससे भाव में तेजी आ गई है।
आजादपुर मंडी में आलू के भाव
आजादपुर मंडी में आलू के भाव में 50 से 100 रुपये की तेजी दर्ज की गई है। मंडी में कुल 76 गाड़ियां आईं जिसमें 13 गाड़ियां पिछले दिन की बैलेंस में हैं। इसके अलावा मंडी में 9260 कट्टे आलू का बैलेंस मौजूद है। बाजार में आलू की मांग बढ़ी हुई है जबकि आपूर्ति कम है जिससे कीमतों में उछाल हो रहा है।
आज मंडी में विभिन्न प्रकार के आलू के भाव इस प्रकार हैं:
चंदौसी का आलू
- चिप्स सोना: 1300-1400 रुपये प्रति कट्टा
- सूर्या: 1400-1600 रुपये प्रति कट्टा
- गुल्ला: 1300-1400 रुपये प्रति कट्टा
- डायमंड: 1400-1450 रुपये प्रति कट्टा
- चिप्सोने के गुल्ले: 1200-1250 रुपये प्रति कट्टा
- संबल का आलू
- चिप्स सोना: 1200-1250 रुपये प्रति कट्टा
- सूर्या आलू: 1300-1400 रुपये प्रति कट्टा
- हाई बेड आलू: 1000-1100 रुपये प्रति कट्टा
- ३७९७ आलू: 1150 रुपये प्रति कट्टा
- अलीगढ़ का आलू
- हाईब्रिड आलू: 1000 रुपये प्रति कट्टा
- सूर्या: 1100-1200 रुपये प्रति कट्टा
- चिप्स सोना: 1100-1150 रुपये प्रति कट्टा
- गुल्ले: लगभग 900 रुपये प्रति कट्टा
- गुजरात का आलू
- एलआर (LR) आलू: 1200-1400 रुपये प्रति कट्टा
- पंजाब का आलू
- 900-1000 रुपये प्रति कट्टा
बारिश का आलू की कीमतों पर असर
दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के चलते आलू की फसल पर बुरा असर पड़ रहा है। बारिश से आलू की कटाई और फसल को मंडी तक पहुंचाने में किसानों को दिक्कत हो रही है। इसके परिणामस्वरूप मंडी में आलू की आपूर्ति कम हो रही है जिससे भाव में तेजी आ रही है। उत्तर प्रदेश जो आलू की प्रमुख उत्पादक राज्य है वहाँ भी हालात गंभीर हैं।
मौजूदा हालात को देखते हुए अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा तो आलू के भाव में और उछाल देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में आलू की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।
किसानों के लिए सलाह
मौसम की अनिश्चितता और आलू की कीमतों में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए किसानों को अपनी फसल को मंडी में बेचने की सलाह दी जा रही है। अगर वे अपनी फसल को रोकते हैं तो उन्हें भाव में और ज्यादा बढ़ोतरी का फायदा मिल सकता है।
लेकिन अगर बारिश का सिलसिला जारी रहता है और फसल को मंडी तक पहुंचाने में देरी होती है तो यह संभव है कि आलू की गुणवत्ता पर भी असर पड़े। इसलिए किसानों को अपनी फसल को सही समय पर बेचने और मौसम की जानकारी पर नजर बनाए रखने की जरूरत है।