Share Market: इंडिगो के शेयरों में गिरावट, निवेश करने से पहले आपको जान लेनी चाहिए ये बातें
चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के नतीजे जारी करते हुए, इंडिगो ने 986.7 करोड़ रुपये का घाटा बताया। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 188.9 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। यह घाटा ठप विमानों और ईंधन की ऊंची कीमतों के कारण हुआ है।
Trends Of Discover, नई दिल्ली: इंडिगो के शेयर की बात करें तो शुक्रवार 20 अक्टूबर 2024 को यह 3.41% टूटकर 4364.65 रुपये पर बंद हुआ। ट्रेडिंग के अंत में शेयर की कीमत 4313.65 रुपये थी। एयरलाइन का शेयर पिछले कुछ महीनों में 5,033.20 रुपये तक जा चुका है जो कि इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर है।
इंडिगो ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि 30 सितंबर, 2024 तक उसके पास 410 विमानों का बेड़ा है। इस बेड़े में 41 ए320 सीईओ (17 डैम्प लीज और 4 सेकेंडरी लीज), 201 ए320 एनईओ, 112 ए321 एनईओ और 45 एटीआर शामिल हैं। इस अवधि के दौरान, इंडिगो की दैनिक उड़ानें अधिकतम 2,161 तक पहुंच गईं, जिसमें गैर-अनुसूचित उड़ानें भी शामिल थीं। एयरलाइन ने इस तिमाही में 88 घरेलू स्थानों और 31 अंतर्राष्ट्रीय स्थानों पर नियमित सेवाएं प्रदान की हैं।
इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने कहा कि एयरलाइन की वृद्धि और विस्तार जारी है। सितंबर तिमाही में इसकी आमदनी 14.6 प्रतिशत बढ़कर 17,800 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि उन्होंने बताया कि परंपरागत रूप से कमजोर दूसरी तिमाही में ठप विमानों और ईंधन लागत से संबंधित प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण परिणाम और भी प्रभावित हुए। उन्होंने यह भी कहा कि अब ठप विमानों की संख्या और संबंधित लागत में कमी आनी शुरू हो गई है।
इंडिगो के पास कुल 39,341 करोड़ रुपये का कैश था, जिसमें 24,359 करोड़ रुपये का फ्री कैश और 14,982 करोड़ रुपये का मैनेज कैश शामिल है। यह संकेत करता है कि कंपनी की मौद्रिक स्थिति मजबूत है, हालांकि तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं रहे।
चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के नतीजे जारी करते हुए, इंडिगो ने 986.7 करोड़ रुपये का घाटा बताया। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 188.9 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। यह घाटा ठप विमानों और ईंधन की ऊंची कीमतों के कारण हुआ है। सितंबर तिमाही में एयरलाइन की ईंधन लागत 12.8 प्रतिशत बढ़कर 6,605 करोड़ रुपये हो गई।
इंडिगो के 2024 के वित्तीय नतीजों पर नजर डालें तो यह स्पष्ट है कि उद्योग की चुनौतियों ने कंपनी की वित्तीय स्थिति को प्रभावित किया है। बढ़ती ईंधन लागत और ठप विमानों की समस्या से निपटना एयरलाइन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इसके बावजूद, कंपनी ने अपनी सेवाओं का विस्तार जारी रखा है और आने वाले समय में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
पीटर एल्बर्स ने अपने बयान में कहा कि "हमने एक नया मोड़ लिया है और अब हमारी प्राथमिकता इस बात पर है कि हम किस तरह से अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकते हैं और ग्राहकों को बेहतर अनुभव दे सकते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि ठप विमानों की संख्या में कमी के साथ, हम इस स्थिति से उबरने की उम्मीद कर रहे हैं।
इंडिगो का बेड़ा और उसकी बढ़ती उड़ानें इसे भारतीय एयरलाइनों में एक प्रमुख स्थान देती हैं। कंपनी ने अपने ऑपरेशंस को सुचारु रखने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, और इस तिमाही के दौरान भी उसने अपने बेड़े में नए विमानों को जोड़ा है। यह स्पष्ट है कि इंडिगो अपनी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है और बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।
आगे बढ़ते हुए, इंडिगो को अपनी लागत को नियंत्रण में रखना होगा और अपने ग्राहकों के लिए सेवाओं में सुधार लाना होगा। जबकि कंपनी की मौद्रिक स्थिति अच्छी है, उसे अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए ठोस रणनीतियों की आवश्यकता है।
इंडिगो के शेयर में आई गिरावट और वित्तीय परिणामों के बावजूद, बाजार में इसकी स्थिति और भविष्य की संभावनाएं उम्मीद जगाती हैं। एयरलाइन उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, लेकिन इंडिगो की मजबूत मौद्रिक स्थिति और विस्तार योजनाएं इसे चुनौतीपूर्ण समय में भी आगे बढ़ने में मदद कर सकती हैं।