Uttar Pradesh News: यूपी में अब रेलवे स्टेशन परिसर मे आम जनता को मिलेगा सस्ता राशन, इन 505 रेलवे स्टेशनों पर होगी राशन की सुविधा, जाने
Trends Of Discover, लखनऊ: UP News: महंगाई के इस दौर में केंद्र सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. जानकारी के लिए बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे जल्द ही एक बड़ा पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बना रहा है. रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन लाखों लोग आते हैं।
केंद्र सरकार सस्ता राशन मुहैया कराकर आम लोगों को राहत देती है। उत्तर पश्चिम रेलवे भी नई शुरुआत करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी कर रहा है. रेलवे स्टेशन के आसपास रहने वाले लोगों, दैनिक यात्रियों, वेंडरों आदि को अब राशन मिलेगा।
लोग यहां आटा और चावल खरीद सकेंगे. आसपास सस्ता सामान मिल जाएगा. आटा और चावल की बिक्री स्टेशन क्षेत्र में मोबाइल वैन से की जाएगी। आइए हम आपको इस सिस्टम और इससे मिलने वाले फायदों के बारे में बताते हैं।
रेलवे स्टेशन परिसर में राशन की सुविधा
पूर्वी रेलवे द्वारा शुरू किया गया पायलट प्रोजेक्ट कम दरों पर राशन उपलब्ध कराएगा। इसमें भारत का चावल और आटा है। रेलवे स्टेशन पर राशन व्यवस्था तीन माह के लिए है। लोगों का अच्छा रिस्पांस मिला तो इसे नियमित कर दिया जाएगा।
मोबाइल वैन करीब दो घंटे तक रुकेगी
प्राप्त सूचना के अनुसार, मोबाइल वैन फिलहाल स्टेशनों पर सिर्फ दो घंटे रुक सकते हैं। इसके अलावा, मोबाइल वैन विक्रेता को सूचना भी नहीं दी जा सकती है। प्रचार के लिए ही वह बैनर लगा सकता है।
मोबाइल वैन की देखभाल मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों को दी गई है। इस दौरान राशन बिक्री के लिए जिस भी संस्था को चुना जाएगा, उसमें तीन महीने तक कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। राशन की कीमत भी तय कर दी गई है.
आटा-चावल कितने में मिलेगा?
मोबाइल वैन के जरिए आटे और चावल की कीमत तय की गई है. मिली जानकारी के मुताबिक भारत ब्रांड का आटा 27.50 रुपये प्रति किलो मिलेगा. भारतीय ब्रांड का चावल 29 रुपये प्रति किलो होगा.
505 स्टेशनों पर सेवा उपलब्ध होगी
दक्षिण रेलवे के छोटे-बड़े सभी स्टेशनों को मिलाकर लगभग 505 स्टेशनों पर राशन मिलेगा। लखनऊ, गोरखपुर, छपरा और बनारस रेलवे स्टेशनों में यह सेवा उपलब्ध है।
अब इन स्टेशनों के आसपास रहने वाले लोग राशन पा सकेंगे। रेलवे ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ये महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भी पूर्वोत्तर रेलवे के निर्णय का समर्थन कर रहा है