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Haryana : हरियाणा में बारिश से गेहूं और सरसों की फसलों को होगा नुकसान, किसान बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार हल्की बारिश गेहूं और सरसों की फसल के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन अगर बारिश तेज होती है या खेतों में लंबे समय तक पानी जमा रहता है, तो यह नुकसानदायक हो सकता है। कुरुक्षेत्र के जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. करमचंद ने किसानों को इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिनका पालन करके फसलों को बचाया जा सकता है।

Haryana News : हरियाणा में मौसम विभाग ने (weather forecast) आज और कल के लिए भारी बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। राज्य के कई जिलों में तेज बारिश (heavy rainfall) की संभावना है जिससे किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना होगा। खासतौर पर गेहूं और सरसों की फसलें, जो इस समय वृद्धि के अहम चरण में हैं, इस बदले हुए मौसम के कारण प्रभावित हो सकती हैं।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार हल्की बारिश गेहूं और सरसों की फसल के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन अगर बारिश तेज होती है या खेतों में लंबे समय तक पानी जमा रहता है, तो यह नुकसानदायक हो सकता है। कुरुक्षेत्र के जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. करमचंद ने किसानों को इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिनका पालन करके फसलों को बचाया जा सकता है।

खेतों में पानी जमा होने से बचाएं

डॉ. करमचंद का कहना है कि किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बारिश के बाद गेहूं या सरसों के खेतों में 5 दिन से ज्यादा पानी खड़ा न हो। लंबे समय तक पानी जमा रहने से फसल की जड़ें खराब हो सकती हैं, जिससे पैदावार पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में खेतों की जल निकासी (drainage) व्यवस्था को दुरुस्त रखना जरूरी है।

सिंचाई और कीटनाशक के उपयोग से बचें

बारिश के दौरान और इसके तुरंत बाद खेतों में दूसरी सिंचाई (irrigation) करने से बचना चाहिए। इस समय किसी भी प्रकार के कीटनाशक (pesticides) या खाद का छिड़काव भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से फसल को और अधिक नुकसान हो सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बारिश खत्म होने के बाद ही इन कार्यों को अंजाम दें।

पीली पड़ रही फसल के लिए उपाय

अगर बारिश के कारण गेहूं की फसल पीली पड़ने लगे, तो इसका तुरंत समाधान करना जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के बाद खेतों में नैनो डीपी खाद (Nano DAP fertilizer) का छिड़काव करना चाहिए। इससे पौधों की स्थिति में सुधार होगा और फसल की पैदावार में भी वृद्धि होगी।

सब्जियों की फसल के लिए बचाव के तरीके

बारिश का असर न केवल अनाज की फसलों पर पड़ता है, बल्कि सब्जियों (vegetables) की फसलों पर भी इसका बड़ा प्रभाव हो सकता है। अधिक बारिश के बाद ठंड बढ़ने से सब्जियों की पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में किसान सल्फर (Sulphur) का 500 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। यह सब्जियों की फसलों को ठंड और बारिश से हुए नुकसान से बचाने में मदद करेगा।

हल्की बारिश के फायदे

हालांकि, हल्की बारिश गेहूं और सरसों की फसल के लिए फायदेमंद होती है। इससे गेहूं की फसल में फुटाव (tillering) बेहतर होता है और पैदावार में वृद्धि होती है। लेकिन जब बारिश मध्यम से तेज हो जाए, तो यह नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे में किसानों को अपने खेतों का विशेष ध्यान रखना होगा और विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए उपायों का पालन करना होगा।

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार सावधानी जरूरी

मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए पूर्वानुमान के मुताबिक, हरियाणा के कई जिलों में अगले दो दिनों तक बारिश और ओलावृष्टि (hailstorm) की संभावना बनी हुई है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खेतों का दौरा करते रहें और पानी की निकासी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही, फसल सुरक्षा के लिए समय पर सल्फर और नैनो डीपी खाद का छिड़काव करना न भूलें।

विशेषज्ञों की सलाह पर अमल करें

डॉ. करमचंद ने किसानों से अपील की है कि वे बारिश के दौरान और बाद में दिए गए सुझावों का पालन करें। उन्होंने कहा कि फसलों को नुकसान से बचाने के लिए सही समय पर कदम उठाना जरूरी है। खेती के इन टिप्स को अपनाकर किसान अपनी फसलों को भारी बारिश और बदलते मौसम के प्रभाव से बचा सकते हैं।

Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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