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Haryana : हरियाणा के स्कूलों में भगवद्गीता होगी पाठ्यक्रम का हिस्सा, नई शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव

हरियाणा सरकार ने शिक्षा प्रणाली में सुधार (Education Reform) के तहत बड़ा कदम उठाते हुए भगवद्गीता को स्कूली सिलेबस (Curriculum) में शामिल करने का फैसला किया है।

Haryana New Education Policy : यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के अनुरूप उठाया गया है जिसका उद्देश्य छात्रों को नैतिकता (Morality) और सांस्कृतिक मूल्यों का ज्ञान देना है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर यह घोषणा की।

बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को श्रीमद्भगवद्गीता (Bhagavad Gita) के श्लोक पढ़ाए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इससे बच्चों में संस्कारों का विकास होगा और वे बेहतर नागरिक बनेंगे। साथ ही, सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने और इसे निजी स्कूलों के समकक्ष लाने पर भी जोर दिया गया है।

भगवद्गीता पाठ्यक्रम में शामिल करने का उद्देश्य

हरियाणा सरकार का यह कदम छात्रों में सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकारी स्कूलों की ओर लोगों का विश्वास बढ़ाने और छात्रों को संस्कारवान बनाने के लिए यह फैसला बेहद महत्वपूर्ण है। शिक्षा विभाग ने यह भी सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि स्कूलों में शिक्षकों और सुविधाओं की कमी न हो।

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि गीता के श्लोकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने से छात्रों को भारतीय संस्कृति (Indian Culture) और नैतिक शिक्षा (Ethics) की गहरी समझ मिलेगी। यह कदम न केवल शिक्षा के स्तर को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि बच्चों को जीवन में सही दिशा दिखाने में भी सहायक होगा।

शिक्षकों की कमी होगी दूर

राज्य में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी एक बड़ी समस्या है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की है कि नए शैक्षणिक सत्र (Academic Session) से पहले शिक्षकों की सभी रिक्तियों को भरा जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने विशेष कार्य योजना (Special Action Plan) तैयार की है। इस योजना के तहत, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक मौजूद हों।

कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूम और प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग

सरकार ने न केवल स्कूलों, बल्कि कॉलेजों में भी शिक्षा स्तर को सुधारने की दिशा में कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूम (Smart Classrooms) बनाए जाएंगे, जहां IAS, IPS और HCS जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग दी जाएगी। इन स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से छात्रों को उन्नत तकनीकी सहायता (Advanced Technological Support) प्रदान की जाएगी।

बुनियादी सुविधाओं पर भी दिया जाएगा ध्यान

शिक्षा व्यवस्था के सुधार के साथ ही स्कूलों और कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं (Basic Amenities) की स्थिति को बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी स्कूलों में साफ-सफाई (Cleanliness), पेयजल (Drinking Water), और शौचालय (Toilets) की उचित व्यवस्था हो।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुसरण

हरियाणा सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी प्रावधानों को लागू करने की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ाए हैं। इस नीति के तहत छात्रों और शिक्षकों के अनुपात को संतुलित किया जाएगा। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल को इस कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

हरियाणा की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत क्यों?

हरियाणा सरकार का मानना है कि राज्य की शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने से न केवल छात्रों का विकास होगा, बल्कि राज्य के विकास (State Development) में भी योगदान मिलेगा। भगवद्गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करना इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो छात्रों को आध्यात्मिक ज्ञान (Spiritual Knowledge) प्रदान करेगा।

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