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Flower farming : धान और गेहूं की खेती छोड़ किसान ने शुरू की फूलों की खेती, चार गुना ज्यादा हो रही कमाई

परिमल पिछले 3 सालों से गेंदे के फूलों की खेती कर रहे हैं। उनकी मेहनत का नतीजा है कि इस बार उनकी आमदनी ने आसमान छू लिया है।

Flower Farming Tips : कहते हैं जब मेहनत का रंग दिखता है तो किस्मत भी बदल जाती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के चठिरमा गांव में जहां एक किसान ने पारंपरिक धान और गेहूं की खेती छोड़कर फूलों की खेती शुरू की और आज उसकी आमदनी चार गुनी हो गई है। परिमल नाम के इस किसान ने धान और गेहूं की खेती में मुनाफा ना मिलने की वजह से फूलों की ओर रुख किया और आज वह अपनी मेहनत से बंपर कमाई कर रहे हैं।

फूलों की खेती से तगड़ी कमाई

शुरुआत के दो सालों में उन्होंने फूलों की खेती में हाथ आजमाया लेकिन बिना गाइडेंस के उनकी आमदनी कुछ खास नहीं थी। फिर एक दिन उन्होंने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत सब्सिडी का फायदा उठाने का मन बनाया। विभाग से उन्हें 1280 पौधे और 6400 रुपए की सब्सिडी मिली। अब उनका टर्नओवर देखकर आसपास के सभी किसान हैरान रह गए हैं।

नए तरीके से की सिंचाई

परिमल ने अपनी खेती में नए तरीके अपनाए। उन्होंने ड्रिप सिस्टम का इस्तेमाल किया और समय-समय पर दवा का छिड़काव करके अपनी फूलों की पैदावार को शानदार बना दिया। सिंचाई के लिए पारंपरिक तरीका छोड़कर ड्रिप सिंचाई ने उनकी खेती की दशा ही बदल दी। तीन महीने में ही उन्हें फसल का अच्छा खासा उत्पादन मिलने लगा। आज उनकी 0.400 एकड़ जमीन में गेंदे के फूल लहलहा रहे हैं।

त्यौहार में होती है सबसे ज्यादा कमाई

परिमल की कमाई का बड़ा हिस्सा त्योहारों के मौसम में आता है। खासकर जैसे ही फसल तैयार होती है उनकी आमदनी बढ़ जाती है। पहले सीजन में वे 15 से 20 हजार रुपए कमा रहे थे, लेकिन अब उनका हर सीजन 45 से 50 हजार तक पहुंच गया है। त्योहारी सीजन में तो उनकी कमाई और भी ज्यादा हो जाती है। उनका कहना है कि त्योहारों के समय फूलों की डिमांड इतनी ज्यादा हो जाती है कि कई बार उनकी फसल पूरी तरह बिक जाती है।

सब्सिडी का उठाया भरपूर फायदा

परिमल ने जो सब्सिडी ली थी उस पैसे का भरपूर फायदा उठाया। उन्होंने फूलों की खेती में बेहतरीन तकनीकें अपनाईं और फसलों को हरियाली से लबालब भर दिया। उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर दिन-रात मेहनत की और इसे खेती के एक नए बिजनेस के रूप में विकसित किया। अब उनकी पूरी फसल बगीचों में हंसती फूलों की शक्ल में नज़र आती है और उनकी जेब भी फूल रही है!

Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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