यूपी में दिव्यांग यात्रियों के लिए जरूरी खबर, आरक्षित सीटों में नया बदलाव, सीट कन्फर्म होने पर मिलेगी आरक्षित बर्थ, ये होगी सीट की व्यवस्था
दिव्यांग यात्रियों को रेलगाड़ी में सीटों की आरक्षण की सुविधा नहीं थी, जिसके कारण उन्हें वेटिंग टिकट होकर सफर करना पड़ता था। लेकिन अब Railways ने इस समस्या को हल किया है और उन्हें स्लीपर और एसी कोच में सीटों की कोटा दे दी है। यह आरक्षण उन्हें यात्रा के लिए पहले ही मिल जाएगा, जिससे उनकी यात्रा करने में बहुत अधिक सुविधा होगी।
रेलवे यातायात में सुधार का एक और कदम उत्तेजक रुप से आगे बढ़ रहा है। अब दिव्यांग यात्रियों के लिए रेलगाड़ियों में सीटों की आरक्षण की सुविधा प्रारम्भ की गई है। यह पहल उनकी यात्रा को अधिक सुविधाजनक और आरामदायक बनाने का एक कदम है। इस नए बदलाव के माध्यम से, उन्हें अब स्लीपर और एसी कोच में आरामदायक स्थानों का लाभ मिलेगा। यह नहीं सिर्फ उनकी यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि उन्हें समाज में भी एक समान स्थिति का अहसास कराएगा।
सीट आरक्षण की नई सुविधा
पहले, दिव्यांग यात्रियों को रेलगाड़ी में सीटों की आरक्षण की सुविधा नहीं थी, जिसके कारण उन्हें वेटिंग टिकट होकर सफर करना पड़ता था। लेकिन अब Railways ने इस समस्या को हल किया है और उन्हें स्लीपर और एसी कोच में सीटों की कोटा दे दी है। यह आरक्षण उन्हें यात्रा के लिए पहले ही मिल जाएगा, जिससे उनकी यात्रा करने में बहुत अधिक सुविधा होगी।
अब, सीट की बुकिंग के समय पर ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाने के बाद, उन्हें सीट आरक्षित कर दी जाएगी। यदि टिकट बुक करते समय वेटिंग है तो सीट कन्फर्म होने पर भी उन्हें आरक्षित बर्थ ही दिया जाएगा। इससे उनकी यात्रा को और भी अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया गया है।
आरामदायक सीट व्यवस्था
Railways ने दिव्यांग यात्रियों के लिए सीटों की व्यवस्था में भी कई सुधार किए हैं। अब, हर क्लास में उन्हें और उनके साथ चलने वाले अटेंडेंट को आरक्षित सीटें मिलेंगी, वो भी लोअर और मिडिल बर्थ। यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की सहायता मिल सके और उनकी यात्रा को अधिक आरामदायक बनाएगा। हालांकि, इस सुविधा के लिए उन्हें पूरा किराया देना होगा।
स्लीपर क्लास में चार बर्थ (दो लोअर व दो मिडिल), एसी-3 में दो बर्थ (एक लोअर और एक मिडिल), और इकोनामी क्लास में भी दो बर्थ (एक लोअर व एक मिडिल) होंगे। इसके अलावा, चेयरकार रेलगाड़ी के सेकेंड सीटिंग में भी दो सीटें, जिनमें इन श्रेणी के दो से अधिक कोच लगाए गए हैं।