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इस कंपनी के को-फाउंडर और 17 अन्य कर्मचारियों पर SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज, अदालत के निर्देश पर हुई कार्रवाई

नई दिल्ली: इन्फोसिस (Infosys) के को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के पूर्व निदेशक बलराम समेत 18 लोगों के खिलाफ SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST Atrocities Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है। सोमवार को 71वीं शहर सिविल एवं सत्र अदालत (CCH) के निर्देश पर सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में यह शिकायत दर्ज हुई।

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शिकायतकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप

शिकायतकर्ता दुर्गप्पा, जो आदिवासी बोवी समुदाय से हैं और IISc के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में फैकल्टी सदस्य रह चुके हैं, ने दावा किया है कि 2014 में उन्हें एक “हनी ट्रैप” में फंसाकर उनकी छवि खराब की गई और बाद में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। दुर्गप्पा ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें जातिसूचक गालियां दी गईं और धमकाया गया।

कौन-कौन हैं आरोपी?

शिकायत में आरोपियों की लंबी चौड़ी लिस्ट है, जिसमें गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संध्या विश्वेश्वरैह, हरि केवीएस, दासप्पा, बलराम पी, हेमलता मिशी, चट्टोपाध्याय के, प्रदीप डी सावकर और मनोहरन जैसे नाम शामिल हैं। खास बात यह है कि इन्फोसिस के को-फाउंडर (Co-founder) क्रिस गोपालकृष्णन और IISc के पूर्व निदेशक बलराम भी इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं।

कहानी में ट्विस्ट

दुर्गप्पा का कहना है कि यह सब कुछ सोची-समझी साजिश थी। शिकायत के अनुसार, उन्हें झूठे आरोपों में फंसाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें जातिसूचक अपशब्द कहे गए और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई गई।

दुर्गप्पा का दावा है कि इस साजिश में शामिल लोगों ने उन्हें जबरन नौकरी से बाहर निकालने का षड्यंत्र रचा। उनका कहना है कि उन्हें “नौकरी से ज्यादा इज्जत प्यारी थी”, लेकिन अब उन्हें न्याय चाहिए।

कोर्ट ने दिया पुलिस को निर्देश

71वीं शहर सिविल एवं सत्र अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाए और जांच शुरू की जाए। अदालत ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है।

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अभी तक नहीं आया कोई जवाब

क्रिस गोपालकृष्णन या IISc की ओर से इस मामले में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, इस मामले ने टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री (Technology Industry) और शैक्षणिक संस्थानों (Academic Institutions) में हलचल मचा दी है।

क्या है SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम?

SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम का उद्देश्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को समाज में होने वाले भेदभाव और उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करना है। इस कानून के तहत किसी भी प्रकार की जातिसूचक गाली, धमकी या शारीरिक/मानसिक उत्पीड़न पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।

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