Haryana New Districts: हरियाणा में प्रशासनिक सुधार, नए जिले और उप-तहसीलों का गठन, जानें क्या बदलेगा
महेंद्रगढ़ जिले के मंडोला गांव को उप-तहसील सतनाली में शामिल करने और रेवाड़ी जिले के बरेली कलां गांव को तहसील रेवाड़ी में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा यमुनानगर जिले के गुन्दियाना गांव को तहसील रादौर से हटाकर उप-तहसील सरस्वतीनगर में स्थानांतरित किया जाएगा।
हरियाणा (Haryana) में प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने नए जिले, तहसील (Tehsil) और उप-तहसीलों (Sub-Tehsil) के गठन पर विचार किया है। विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में हुई एक विशेष बैठक (Special Meeting) में इस पर विस्तार से चर्चा हुई। इस कमेटी की अब तक दो बैठकों में कई अहम फैसले लिए गए हैं जिनसे राज्य की प्रशासनिक प्रणाली में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
महेंद्रगढ़ जिले के मंडोला गांव को उप-तहसील सतनाली में शामिल करने और रेवाड़ी जिले के बरेली कलां गांव को तहसील रेवाड़ी में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा यमुनानगर जिले के गुन्दियाना गांव को तहसील रादौर से हटाकर उप-तहसील सरस्वतीनगर में स्थानांतरित किया जाएगा। इन बदलावों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाओं को और अधिक कुशल बनाना है।
फरीदाबाद में भी बड़े बदलाव
फरीदाबाद (Faridabad) जिले में भी प्रशासनिक सीमा रेखाओं में संशोधन किया गया है। सैक्टर 15, 15A और 16A को तहसील बड़खल से हटाकर फरीदाबाद रजिस्ट्रेशन सेगमेंट (Registration Segment) में जोड़ा गया है। वहीं सैक्टर 21A और 21B को तहसील फरीदाबाद से हटाकर बड़खल तहसील में शामिल किया गया है। इससे स्थानीय निवासियों को रजिस्ट्रेशन संबंधी कामों में आसानी होगी।
नए जिलों के गठन का प्रस्ताव
हरियाणा सरकार के पास गोहाना, हांसी, असंध, सफीदों और डबवाली को नया जिला (New District) बनाने के प्रस्ताव आए हैं। इन क्षेत्रों में जनसंख्या और विकास दर को देखते हुए प्रशासनिक विभाजन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। यदि ये प्रस्ताव स्वीकृत होते हैं तो स्थानीय स्तर पर सरकारी सेवाओं की उपलब्धता में सुधार होगा।
प्रशासनिक सुधारों का उद्देश्य
इन प्रशासनिक बदलावों का मुख्य उद्देश्य (Main Objective) नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना और सरकार और जनता के बीच दूरी को कम करना है। राज्य सरकार का मानना है कि छोटे प्रशासनिक इकाईयों से न केवल सेवाओं में सुधार होगा बल्कि स्थानीय विकास योजनाओं को तेजी से लागू करने में भी मदद मिलेगी।