हरियाणा में अफसरशाही के खिलाफ सख्ती, सीएम सैनी ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
सीएम ने आदेश जारी करते हुए सभी जिला उपायुक्तों (District Commissioners) और पुलिस अधीक्षकों (Superintendents of Police) को ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए हर सप्ताह समन्वय बैठक (coordination meeting) आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हरियाणा में अफसरशाही (Haryana Bureaucracy) को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। सीएम ने आदेश जारी करते हुए सभी जिला उपायुक्तों (District Commissioners) और पुलिस अधीक्षकों (Superintendents of Police) को ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए हर सप्ताह समन्वय बैठक (coordination meeting) आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम राज्य में प्रशासनिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इन बैठकों का उद्देश्य ग्रामीणों से जुड़ी समस्याओं को समझना और उनका त्वरित समाधान करना है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने एक नई पहल की शुरुआत की है जिसके तहत हर महीने एक बार जिला अधिकारियों को गांवों में रात्रि प्रवास (night stay) करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस दौरान अधिकारी ग्रामीणों से संवाद करेंगे और उनके समस्याओं का समाधान तुरंत करेंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस पहल के अंतर्गत अधिकारियों को गांवों के विकास के लिए योजनाएं तैयार करने की भी जिम्मेदारी दी गई है।
इस पहल के तहत अधिकारियों को रात्रि प्रवास की मासिक रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को भेजने के लिए कहा गया है ताकि सरकार को स्थिति का सही आकलन हो सके। इस कदम से राज्य में प्रशासनिक सुधारों को और प्रभावी बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।
10 जनवरी को रेंज IG-SP की बैठक का आयोजन
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हरियाणा के रेंज आईजी (Inspector General) और जिला पुलिस अधीक्षकों (SPs) की बैठक 10 जनवरी को बुलाई है। इस बैठक में पुलिस प्रशासन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बैठक में डीजीपी (Director General of Police) शत्रुजीत कपूर, गृह सचिव सुमिता मिश्रा, और एडीजीपी (Additional Director General of Police) भी भाग लेंगे।
इस बैठक में प्रदेश की कानून व्यवस्था (law and order) पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश में अपराधों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं, और पुलिस प्रशासन की कार्यक्षमता बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने इस बैठक को कानून व्यवस्था के मामलों में अहम बताया और इसे सही दिशा में एक कदम माना।
हरियाणा में अपराधों में वृद्धि
हरियाणा में अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है जो कि एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। पिछले कुछ वर्षों से राज्य में राजनीतिक हत्याओं (political murders), रंगदारी के लिए हत्याओं (extortion-related murders), गैंगस्टरों का प्रभाव (gangster influence) और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों (crimes against women) की घटनाओं ने भाजपा सरकार के लिए चुनौती खड़ी कर दी है।
राज्य में अपराधों की बढ़ती दर ने सरकार को अपराध नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। आंकड़ों के अनुसार राज्य में हर दिन रंगदारी या ब्लैकमेलिंग के लिए धमकी भरे कॉल आते हैं और पहली बार विधायकों को भी इस तरह के कॉल्स का सामना करना पड़ा है।
हासिल आंकड़ों से यह साफ जाहिर होता है कि हरियाणा में अपराधों में कोई कमी नहीं आ रही है और राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में तेजी से वृद्धि हो रही है जो कि समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।
हरियाणा में 2022 में 1,020 हत्याएं
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में 2022 में कुल 1,020 हत्याएं दर्ज की गईं। इनमें से 31 अगस्त तक राज्य में 675 हत्याएं हुईं जो पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम हैं। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि हरियाणा में प्रति दिन औसतन तीन हत्याएं होती हैं जो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर गहरी चिंता पैदा करते हैं।
प्रदेश में प्रमुख घटनाओं में पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की दिनदहाड़े हत्या और जेजेपी के रविंदर सैनी की जबरन वसूली के कारण हत्या प्रमुख हैं। इसके अलावा, राज्य में अब तक 623 हत्या के प्रयास भी दर्ज किए गए हैं जो अपराधियों के बढ़ते हौसले को दर्शाता है।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों की स्थिति
हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या चिंताजनक है। 31 अगस्त तक, राज्य में 1,020 बलात्कार, 70 बलात्कार के प्रयास, 1,057 बाल शोषण के मामले, 1,113 अपहरण और 1,023 छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा, हर दिन महिलाओं के खिलाफ औसतन 18 अपराध दर्ज होते हैं जो कि 2022 में महिलाओं के खिलाफ कुल 16,743 अपराधों का हिस्सा हैं।
साल 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में विशेष रूप से बलात्कार के मामलों की संख्या बढ़ी जिनमें 1,787 बलात्कार और 2,640 लापता बच्चों के मामले शामिल हैं। इन आंकड़ों ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के खतरे को उजागर किया है जिसके कारण सरकार को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
आत्महत्याओं की बढ़ती दर
हरियाणा में आत्महत्या के मामले भी चिंताजनक रूप से बढ़े हैं। 2022 में राज्य में 3,783 आत्महत्याएं दर्ज की गईं जिनमें से 61 प्रतिशत पीड़ितों की आय सालाना 1 लाख रुपये से कम थी। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि आर्थिक तंगी और मानसिक दबाव के कारण भी आत्महत्याओं की दर में वृद्धि हो रही है।