हरियाणा में इस एक्सप्रेसवे के किनारे होगा दो नए शहरों का निर्माण, सिंगापुर की कंपनी बनाएगी डीपीआर
सरकार की योजना है कि इस मार्ग पर कुल पांच शहर बसाए जाएं लेकिन पहले चरण में दो शहरों पर काम शुरू कर दिया गया है। गुरुवार को सिंगापुर की एक प्राइवेट कंपनी को इन शहरों का विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए अनुबंधित किया गया है।
हरियाणा सरकार ने कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के किनारे दो नए शहरों के निर्माण का ऐलान किया है। इस परियोजना में आवासीय और कमर्शल दोनों गतिविधियां शामिल होंगी जो सिंगापुर और दुबई की तर्ज पर विकसित की जाएंगी। सरकार की योजना है कि इस मार्ग पर कुल पांच शहर बसाए जाएं लेकिन पहले चरण में दो शहरों पर काम शुरू कर दिया गया है। गुरुवार को सिंगापुर की एक प्राइवेट कंपनी को इन शहरों का विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए अनुबंधित किया गया है।
पहला शहर “सिटी ऑफ हैप्पीनेस” (City of Happiness) और दूसरा “सिटी ऑफ जॉय” (City of Joy) के नाम से जाना जाएगा। ये दोनों शहर केएमपी के किनारे बनाए जाएंगे जिसमें से पहला शहर खरखौदा-सोनीपत रोड पर और दूसरा शहर पलवल-फरीदाबाद-जेवर रोड पर प्रस्तावित है। इन शहरों का मास्टर प्लान पहले ही तैयार कर लिया गया है और इनका उद्देश्य न केवल आवासीय परियोजना होगी बल्कि यह एक बड़ा व्यावसायिक केंद्र भी बनेगा जहां रोजगार के अवसर और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
सिंगापुर कंपनी को मिला डीपीआर तैयार करने का ठेका
हरियाणा सरकार ने सिंगापुर की प्राइवेट कंपनी को इन शहरों के लिए डीपीआर तैयार करने का जिम्मा सौंपा है। इस परियोजना का उद्देश्य केएमपी एक्सप्रेसवे के आसपास की खाली पड़ी जमीन का समुचित उपयोग करना है जिससे हरियाणा में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिले। सरकार का मानना है कि इस परियोजना से प्रदेश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और औद्योगिक विकास में तेजी आएगी। इन दोनों शहरों को सिंगापुर और दुबई जैसे योजनाबद्ध और इको-फ्रेंडली तरीके से विकसित किया जाएगा जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना नए विकास के रास्ते खोलेंगे।
दोनों शहरों में होगा स्मार्ट और इको-फ्रेंडली विकास
राज्य सरकार के डिप्टी सीएम के मुताबिक, इन नए शहरों में इको-फ्रेंडली सुविधाएं होंगी। यहां के हर सेक्टर में शॉपिंग मॉल्स, अंडरपास और एलिवेटेड रोड्स का निर्माण किया जाएगा। इन शहरों में प्रमुख विश्वविद्यालयों का निर्माण किया जाएगा, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकते हैं। पैदल और साइकिल ट्रैक के साथ-साथ ई-वीहिकल्स और सौर ऊर्जा को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार का उद्देश्य इन शहरों में सभी प्रकार की सुविधाएं और जीवन के उच्च मानक प्रदान करना है जिससे यह शहर भारत के सबसे स्मार्ट और सस्टेनेबल शहरों में से एक बन सके।
इन शहरों के निर्माण से न केवल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यहां से बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश आकर्षित किया जाएगा। यह परियोजना हरियाणा को एक वैश्विक आर्थिक हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सिंगापुर की कंपनी के द्वारा तैयार किए गए डीपीआर में इन शहरों के निर्माण के लिए विस्तृत योजनाएं और लागत अनुमानों को ध्यान में रखा गया है।
बाकी तीन शहरों के लिए सरकार ने लिया ब्रेक
हालांकि सरकार ने केएमपी पर अन्य तीन क्षेत्रों में नए शहरों के निर्माण की योजना को फिलहाल रोक दिया है। यह निर्णय लिया गया है ताकि पहले दो शहरों की सफलता और स्वीकार्यता का आकलन किया जा सके। अगर इन दोनों शहरों का परिणाम सकारात्मक रहा तो बाकी तीन शहरों के लिए सरकार कदम बढ़ाएगी। सरकार का कहना है कि यह रोक केवल एक रणनीतिक निर्णय है जिससे परियोजना के बाकी हिस्सों पर काम को ठीक से किया जा सके।