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Sarso Tel: सरसों तेल की कीमतों में भारी गिरावट! जानें ताजा भाव

सरसों तेल की कीमतों में गिरावट ने उपभोक्ताओं को सस्ता विकल्प प्रदान किया है। सहारनपुर जैसे प्रमुख जिलों में सरसों तेल का भाव अब 6350 से 6400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। यह पिछले कुछ महीनों की तुलना में काफी कम है।

Sarso Tel Bhav : खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से परेशान भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। हाल ही में देश के प्रमुख राज्यों में सरसों, मूंगफली और कपास तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। लंबे समय से तेल की बढ़ती कीमतों ने जहां आम जनता के बजट पर दबाव डाला था वहीं अब गिरती कीमतें उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के लिए सकारात्मक संकेत दे रही हैं। इस लेख में हम विभिन्न राज्यों में तेल की कीमतों में आए बदलाव पर नजर डालेंगे और उपभोक्ताओं के लिए यह कैसे फायदेमंद साबित हो सकता है।

उत्तर प्रदेश में सरसों तेल के घटते दाम

उत्तर प्रदेश में सरसों तेल की कीमतों में गिरावट ने उपभोक्ताओं को सस्ता विकल्प प्रदान किया है। सहारनपुर जैसे प्रमुख जिलों में सरसों तेल का भाव अब 6350 से 6400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। यह पिछले कुछ महीनों की तुलना में काफी कम है। इससे न केवल घरों में इस्तेमाल होने वाले तेल का खर्च कम हुआ है बल्कि छोटे व्यवसायियों को भी राहत मिली है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट सरसों की अच्छी फसल और मांग में कमी के कारण हुई है। त्योहारों के बाद की मंदी और बाजार में स्टॉक बढ़ने से कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। यह समय सरसों तेल खरीदने के लिए उपभोक्ताओं के लिए सबसे अनुकूल माना जा रहा है।

गुजरात में मूंगफली तेल की स्थिति

गुजरात जो मूंगफली उत्पादन में अग्रणी राज्य है वहां भी खाद्य तेलों की कीमतों में नरमी देखी गई है। मूंगफली तेल का वर्तमान भाव 14150 रुपये प्रति क्विंटल है। इसके अलावा रिफाइंड मूंगफली तेल की कीमतें भी 2140 से 2430 रुपये प्रति टन के बीच स्थिर हैं। यह गिरावट न केवल घरेलू उपयोग के लिए बल्कि बड़े पैमाने पर व्यवसायियों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है।

गुजरात के व्यापारी इस बात पर जोर देते हैं कि वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में नरमी और उच्च उत्पादन ने इस गिरावट में योगदान दिया है। त्योहारों के बाद मांग में गिरावट ने भी कीमतों पर असर डाला है।

कपास तेल और खली की कीमतों में राहत

कपास तेल और कपास खली की कीमतों में भी उल्लेखनीय कमी आई है। कपास खली जो पशुओं के चारे के रूप में उपयोग होती है अब 2615 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास उपलब्ध है जो दो महीने पहले 3820 रुपये थी। किसानों के लिए यह एक अच्छा मौका है क्योंकि उन्हें अपने पशुओं के लिए सस्ता और गुणवत्तापूर्ण चारा मिल रहा है।

कपास तेल की कीमतों में गिरावट के कारण इसका उपयोग अब औद्योगिक स्तर पर भी अधिक हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में कपास तेल की कीमतों में और गिरावट हो सकती है जिससे यह छोटे और बड़े उद्योगों दोनों के लिए अधिक किफायती बनेगा।

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