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Faisal Jatt: 18 घंटे तक चली मुठभेड़…पुलिस को लाना पड़ा हेलिकॉप्टर, जानिए कौन था फैसल जट?

फैसल शहजाद पर स्थानीय स्तर पर ड्रग माफिया (Drug Mafia) चलाने का आरोप था। बताया जाता है कि उसने नशीली दवाओं के व्यापार से क्षेत्र में खूब पैसा और राजनीतिक पकड़ बना ली थी। उसके खिलाफ हत्या, ड्रग तस्करी और पुलिस अधिकारियों पर हमला करने जैसे गंभीर आरोप थे।

faisal jutt news: पाकिस्तान के गुजरात जिले के हंज गांव (Hanjar Village Gujrat) में हुई 18 घंटे की लंबी मुठभेड़ (Encounter) ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है। सोशल मीडिया और खासतौर पर इंस्टाग्राम पर इसके चर्चे इस कदर बढ़ गए हैं कि फैसल जट्ट (Faisal Jutt) का नाम हर किसी की जुबां पर है। ‘जे नस गया तो जात ना आख्यो’ (If I escape, don’t call me of my clan) जैसे डायलॉग्स वायरल हो रहे हैं। तो आखिर फैसल हंज कौन था और पुलिस ने उसके खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों की?

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पिछले गुरुवार (19 दिसंबर) को गुजरात जिले के ककराली पुलिस स्टेशन की कार्रवाई में चार लोग मारे गए। इनमें प्रमुख रूप से फैसल शहजाद उर्फ फैसल हंज शामिल था। फैसल एक घोषित अपराधी और कथित ड्रग डीलर (Drug Dealer) था। उसके साथ मारे गए अन्य लोगों में उसका 20 वर्षीय भतीजा सफीउर रहमान और उसके दो साथी नविद अख्तर और नोमी शामिल थे।

अपराध की दुनिया का बड़ा नाम
फैसल शहजाद पर स्थानीय स्तर पर ड्रग माफिया (Drug Mafia) चलाने का आरोप था। बताया जाता है कि उसने नशीली दवाओं के व्यापार से क्षेत्र में खूब पैसा और राजनीतिक पकड़ बना ली थी। उसके खिलाफ हत्या, ड्रग तस्करी और पुलिस अधिकारियों पर हमला करने जैसे गंभीर आरोप थे।

कुछ दिनों पहले फैसल पर पाकिस्तान एलीट फोर्स (Elite Police Force) के एक अधिकारी की हत्या और दूसरे को घायल करने का भी आरोप लगा। यह मामला उसके खात्मे की शुरुआत साबित हुआ। जब यह घटना हुई तो पाकिस्तान की विशेष बलों ने उसे पकड़ने का बीड़ा उठाया और उसके खिलाफ बड़ा ऑपरेशन प्लान किया।

18 घंटे तक चली मुठभेड़
बुधवार 18 दिसंबर को हंज गांव में पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही पुलिस ने फैसल के घर की दीवार को तोड़ने की कोशिश की, अंदर से गोलियां चलने लगीं। ऑपरेशन इतना गंभीर था कि पुलिस को अतिरिक्त मदद के लिए हेलिकॉप्टर (Helicopter Support) मंगवाना पड़ा। मुठभेड़ के दौरान सैकड़ों राउंड फायरिंग और दर्जनों आंसू गैस के गोले छोड़े गए। गुरुवार सुबह 7 बजे लगभग 18 घंटे तक चलने वाली गोलीबारी के बाद पुलिस को चार लोगों के शव मिले।

घर तोड़ने का ऑपरेशन बना मुठभेड़
गुजरात जिला पुलिस के डीएसपी मुस्तनसर आत्मा बाजवा और एसपी रियाज अहमद नाज ने इस ऑपरेशन को लीड किया। पुलिस पहले फैसल के घर को गिराने गई थी ताकि उसके ड्रग तस्करी के अड्डों को खत्म किया जा सके। जैसे ही घर को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई अंदर से फैसल ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार फैसल ने पुलिस को चकमा देने के लिए हाल ही में एक पक्का मकान बनाया था। ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने भारी बैकअप बुलाया और स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की।

किसके खिलाफ था फैसल का साम्राज्य?
फैसल न केवल ड्रग तस्करी में सक्रिय था बल्कि उसने स्थानीय लोगों पर भी अपना खौफ जमाया हुआ था। ड्रग्स के व्यापार और राजनीतिक समर्थन के कारण वह लंबे समय तक बचता रहा। हालांकि एलीट फोर्स के एक अधिकारी की हत्या ने पुलिस को मजबूर कर दिया कि वह इसे खत्म करने का पक्का कदम उठाए। रहमानिया पुलिस स्टेशन के SHO हाजी सगीर अहमद भादर के मुताबिक, “जो कोई भी कानून का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी।”

मुठभेड़ के बाद का माहौल
मुठभेड़ के बाद इलाके में पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई। चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए अजीज भट्टी शहीद टीचिंग हॉस्पिटल भेजा गया। स्थानीय लोग और मीडिया इस पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।

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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फैसल जट्ट का नाम
फैसल जट्ट का नाम इंस्टाग्राम रील्स (Instagram Reels) और सोशल मीडिया पर अचानक से ट्रेंड करने लगा। उसके डायलॉग और वीडियो क्लिप्स बड़े पैमाने पर शेयर हो रहे हैं। लेकिन यह पूरी कहानी बताती है कि किस तरह अपराध और हिंसा का जीवन अंततः बर्बादी का रास्ता होता है।

क्या कहता है कानून?
मुठभेड़ पर कई सामाजिक और राजनीतिक बहसें भी हो रही हैं। सवाल यह भी उठाए जा रहे हैं कि ऐसे मामलों में सख्त कानून और न्याय प्रणाली के बिना अपराधियों का खात्मा करना कितना सही है।

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