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JIO-Airtel की वाट लगा देगा BSNL, अब बिना सिम और नेटवर्क के होगी कॉलिंग, जानें कैसे काम करेगी D2D सर्विस

BSNL ने Viasat कंपनी के साथ मिलकर डायरेक्ट-टु-डिवाइस टेक्नोलॉजी का ट्रायल किया है। D2D सेवा के तहत यूजर्स को सीधे सैटेलाइट के जरिए कनेक्ट करने का विकल्प मिलेगा।

सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने बिना SIM कार्ड और मोबाइल नेटवर्क के सीधे डिवाइस पर कॉल करने की सुविधा का ट्रायल शुरू कर दिया है। इस ट्रायल का उद्देश्य BSNL की डायरेक्ट-टु-डिवाइस (D2D) टेक्नोलॉजी को लागू करना है जिसकी झलक पिछले महीने हुए इंडिया मोबाइल कांग्रेस में दिखाई गई थी। D2D टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्मार्टफोन जैसे मोबाइल डिवाइसेज को सैटेलाइट नेटवर्क से जोड़ा जाएगा जिससे मोबाइल नेटवर्क पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी। 6 नवंबर 2024 को शुरू हुए इस ट्रायल के बाद कंपनी ने सैटेलाइट कनेक्टिविटी को नई दिशा दी है।

डायरेक्ट-टु-डिवाइस (D2D) टेक्नोलॉजी का परिचय

BSNL ने Viasat कंपनी के साथ मिलकर डायरेक्ट-टु-डिवाइस टेक्नोलॉजी का ट्रायल किया है। D2D सेवा के तहत यूजर्स को सीधे सैटेलाइट के जरिए कनेक्ट करने का विकल्प मिलेगा। इस नई टेक्नोलॉजी से यूजर्स अपने स्मार्टफोन और अन्य डिवाइसेज से ऑडियो और वीडियो कॉल कर सकेंगे बिना किसी नेटवर्क या SIM कार्ड की आवश्यकता के। इसके साथ ही Bharti Airtel और Reliance Jio जैसी निजी कंपनियां भी इस दिशा में काम कर रही हैं जो भारतीय सैटेलाइट कनेक्टिविटी के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।

D2D सर्विस कैसे काम करती है?

डायरेक्ट-टु-डिवाइस सेवा सैटेलाइट नेटवर्क का उपयोग करती है जिससे मोबाइल नेटवर्क के बिना भी संचार किया जा सकता है। यह तकनीक विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है जहां मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं होता। इससे दूरदराज के ग्रामीण इलाकों और आपातकालीन स्थितियों में कनेक्टिविटी को सुगम बनाया जा सकेगा। BSNL का यह कदम भारत में संचार व्यवस्था में एक नई क्रांति लाने का प्रयास है और इस तकनीक को जल्द ही बड़े स्तर पर लागू करने की योजना है।

BSNL के सब्सक्राइबर्स में वृद्धि और 4G सर्विस का विस्तार

पिछली तिमाही में BSNL ने अपने सब्सक्राइबर्स की संख्या में वृद्धि दर्ज की है। टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार पिछले तिमाही में कंपनी के सब्सक्राइबर्स की संख्या में 60 लाख का इजाफा हुआ है। BSNL ने पिछले दो वर्षों में ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी हासिल किया है जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी की सेवाओं में सुधार और विस्तार हो रहा है।

सिंधिया ने बताया कि BSNL ने अपने नेटवर्क में भारतीय इक्विपमेंट का उपयोग कर 4G सर्विस देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि अन्य कंपनियों की तरह विदेशी इक्विपमेंट पर निर्भर होने के बजाय BSNL अपने स्वदेशी इक्विपमेंट का निर्माण कर रही है। इससे देश की दूरसंचार व्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों तक उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं पहुंचाई जा सकेंगी।

SIM कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया होगी आसान

BSNL ने अपने ग्राहकों के लिए SIM कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के उद्देश्य से ऑटोमेटेड वेंडिंग मशीनें लगाने की योजना बनाई है। यह मशीनें रेलवे स्टेशंस एयरपोर्ट्स और अन्य व्यस्त स्थानों पर लगाई जाएंगी जिससे ग्राहकों को आसानी से SIM कार्ड प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही BSNL अपने सेल्फ केयर ऐप के जरिए भी SIM कार्ड प्राप्त करने का विकल्प देगी जिससे ग्राहकों को BSNL के ऑफिस जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

स्पैम कॉल्स पर लगेगी लगाम

BSNL ने अपने नेटवर्क पर स्पैम कॉल्स को नियंत्रित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करने की योजना बनाई है। AI की मदद से BSNL स्पैम कॉल्स की पहचान करके उन्हें ब्लॉक कर सकेगी जिससे ग्राहकों को सुरक्षित और सुगम संचार का अनुभव मिलेगा।

भारत में सैटेलाइट कनेक्टिविटी की भविष्य की संभावनाएं

BSNL का यह कदम भारत में सैटेलाइट कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इस टेक्नोलॉजी का उपयोग न केवल ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में कनेक्टिविटी के लिए किया जा सकेगा बल्कि आपदा प्रबंधन आपातकालीन सेवाओं और इंटरनेट एक्सेस में भी इसका लाभ मिलेगा। Bharti Airtel और Reliance Jio भी इस क्षेत्र में काम कर रही हैं जिससे भारतीय संचार क्षेत्र में नए विकल्प और प्रतिस्पर्धा के अवसर बढ़ेंगे।

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