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नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्रॉपर्टी बाजार ने मारी बड़ी छलांग, रियल एस्टेट निवेशकों के लिए बना हॉटस्पॉट, 5 साल में इतना आया उछाल

रियल एस्टेट मार्केट एनालिसिस फर्म प्रोपइक्विटी के डेटा के अनुसार नोएडा में नए लॉन्च प्रोजेक्ट्स की औसत कीमतें 2019 में 5,910 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं जो अब 2024 में बढ़कर 14,946 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। इसी तरह 2बीएचके (2 बेडरूम) यूनिट्स की औसत कीमत 2019 के 5,712 रुपये प्रति वर्ग फुट से 2024 तक 16,000 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई है।

पिछले पांच वर्षों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा ने प्रीमियम रियल एस्टेट बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। जो क्षेत्र कभी किफायती और मध्यम-श्रेणी की प्रॉपर्टी के लिए जाने जाते थे अब वह निवेशकों के लिए हॉटस्पॉट बन गए हैं। 2019 से 2024 तक इन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की कीमतों में दोगुनी से भी अधिक वृद्धि हुई है। रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर कनेक्टिविटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड और खरीदारों के सेंटीमेंट में सुधार के कारण यह बदलाव संभव हुआ है।

प्रॉपर्टी की कीमतें कैसे बढ़ीं?

रियल एस्टेट मार्केट एनालिसिस फर्म प्रोपइक्विटी के डेटा के अनुसार नोएडा में नए लॉन्च प्रोजेक्ट्स की औसत कीमतें 2019 में 5,910 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं जो अब 2024 में बढ़कर 14,946 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। इसी तरह 2बीएचके (2 बेडरूम) यूनिट्स की औसत कीमत 2019 के 5,712 रुपये प्रति वर्ग फुट से 2024 तक 16,000 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई है। यह लगभग 180% की वृद्धि को दर्शाता है। ग्रेटर नोएडा में भी इसी प्रकार का रुझान देखा गया है। 2019 में यहां नए लॉन्च प्रोजेक्ट्स की औसत कीमतें 3,900 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं जो अब 2024 में बढ़कर 8,601 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। यह 120% से अधिक की वृद्धि है।

सेकंडरी हाउसिंग मार्केट में भी दिखी उछाल

नोएडा के सेकंडरी हाउसिंग मार्केट में भी पिछले पांच वर्षों में करीब 81% की बढ़ोतरी हुई है। 3बीएचके (3 बेडरूम) यूनिट्स की औसत कीमतें 2019 में 5,219 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं जो अब 2024 में 12,828 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई हैं। इसी तरह ग्रेटर नोएडा के 3बीएचके यूनिट्स की औसत कीमत 2019 के 3,673 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर अब 8,595 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है।

अनबिके घरों की संख्या में आई कमी

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अनबिके हाउसिंग इन्वेंटरी में भी उल्लेखनीय कमी आई है। नोएडा में 2019 में 11,379 यूनिट्स अनबिके थीं जो अब 2024 में घटकर केवल 4,745 यूनिट्स रह गई हैं। वहीं, ग्रेटर नोएडा में 2019 में 30,924 यूनिट्स अनबिके थीं जो अब 9,953 यूनिट्स रह गई हैं। रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि यह कमी खरीदारों की बढ़ती मांग, बेहतर कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की वजह से हुई है।

मेट्रो और एक्सप्रेसवे ने निभाई भूमिका

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी बाजार को बढ़ावा देने में मेट्रो लाइन और एक्सप्रेसवे का बड़ा योगदान रहा है। गीता अंजलि होमस्टेट के सुनील सिसोदिया ने बताया कि मेट्रो लाइन और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के विस्तार के कारण निवेशकों की रुचि बढ़ी है। इसके अलावा, आगामी जेवर हवाई अड्डा और यमुना एक्सप्रेसवे के पास होने के कारण, सेंट्रल नोएडा और एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्र हाई-एंड खरीदारों को आकर्षित कर रहे हैं।

नोएडा की तुलना में गुड़गांव अब नहीं रहा आगे

इन्फ्रा मंत्रा के निदेशक शिवांग सूरज ने बताया कि अब नोएडा को गुड़गांव से कमतर नहीं समझा जाता। पिछले पांच वर्षों में यहां की प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। यह क्षेत्र अब रिटेल विक्रेताओं और बिजनेस मालिकों के लिए एक आकर्षक स्थान बन गया है। उन्होंने कहा, “नोएडा अब रियल एस्टेट निवेश के लिए दिल्ली-एनसीआर के सबसे प्रमुख क्षेत्रों में से एक बन गया है।”

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